Section -16 Abetment of an offence

Chapter -4 
Abetment of and attempt to commit an offence 
Section 16 to 18

Section -16- Abetment of an offence -  

A person abets an offence, who-

First.-Instigates any person to do that offence; or

Secondly - Engages with one or more other person or persons in any conspiracy for the doing of that offence, if an act or illegal omission takes place in pursuance of that conspiracy, and in order to the doing of that offence; or 

Thirdly - Intentionally aids, by any act or illegal omission, the doing of that offence.

Explanation I - A person who, by willful misrepresentation, or by willful concealment of a material fact, which he is bound to disclose, voluntarily causes or procures, or attempts to cause or procure a thing to be done, is said to instigate the doing of that offence.

Explanation II -Whoever, either prior to or at the time of commission of an act, does anything in order to facilitate the commission of that act, and thereby facilitates the commission thereof, is said to aid the doing of that act.

 Explanation III - Whoever employ, harbors, receives or transports a child, by means of threat or use of force or other forms of coercion, abduction, fraud, deception, abuse of power or of a position, vulnerability or the giving or receiving of payments or benefits to achieve the consent of a person having control over another person, for the purpose of any offence under this Act, is said to aid the doing of that act.

Hindi:- 
S16- किसी अपराध का दुष्प्रेरण - 
कोई व्यक्ति किसी अपराध के किए जाने का दुष्प्रेरण करता है, जो-

पहला - उस अपराध को करने के लिए किसी व्यक्ति को उकसाता है; अथवा

दूसरा - उस अपराध को करने के लिए षड्यंत्र में एक या अधिक अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ सम्मिलित होता है, यदि उस षड्यंत्र के अनुसरण में, और उस अपराध को करने के उद्देश्य से, कोई कार्य या अवैध लोप घटित हो जाए; अथवा

तीसरा- उस अपराध के किए जाने में किसी कार्य या अवैध लोप द्वारा साशय सहायता करता है।

स्पष्टीकरण 1 - कोई व्यक्ति जो जानबूझकर दुर्व्यपदेशन द्वारा या तात्विक तथ्य, जिसे प्रकट करने के लिए वह आबद्ध है, जानबूझकर छिपाने द्वारा, स्वेच्छया किसी अपराध का किया जाना कारित या उपाप्त करता है अथवा कारित या उपाप्त करने का प्रयत्न करता है, वह उस अपराध का किया जाना उकसाता है, यह कहा जाता है।

स्पष्टीकरण 2 -जो कोई या तो किसी कार्य के किए जाने से पूर्व या किए जाने के समय, उस कार्य के किए जाने को सुकर बनाने के लिए कोई कार्य करता है और तद्वारा उसके किए जाने को सुकर बनाता है, वह उस कार्य के करने में सहायता करता है, यह कहा जाता है।

स्पष्टीकरण 3 -जो कोई किसी बालक को इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के प्रयोजन के लिए धमकी या बल प्रयोग या प्रपीड़न के अन्य रूप, अपहरण, कपट, प्रवंचना, शक्ति या स्थिति के दुरुपयोग, भेद्यता या संदायों को देने या प्राप्त करने या अन्य व्यक्ति पर नियंत्रण रखने वाले किसी व्यक्ति की सहमति प्राप्त करने के लिए फायदों के माध्यम से नियोजित करता है, आश्रय देता है या उसे प्राप्त या परिवाहित करता है, उस कार्य के करने में सहायता करता है, यह कहा जाता है ।

Hinglish:- 
1. कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को अपराध करने के लिए उकसाता है,
2. एक या एक से अधिक व्यक्ति मिलकर षड्यंत्र बनाते हैं लैंगिक अपराध को करने के लिए किसी कार्य को कर के या उस कार्य का लोप कर के ,
3. लैंगिक अपराध को करने में किसी व्यक्ति की मदद करता है, किसी कार्य को कर के या उस कार्य का लोप कर के 
Explanation 1 :- कोई व्यक्ति अपनी स्वेच्छया से जानबूझकर किसी ऐसे अपराध को छिपता है, जिसकी जानकारी देने के लिए वह व्यक्ति आबद्ध है और अपराधी को बचाने में उसकी मदद करता है तो ऐसा माना जाएगा उसमें दुष्प्रेरण किया है |

Explanation 2 :- कोई व्यक्ति किसी कार्य के किए जाने के पूर्व या वह कार्य करते समय, उसको पूरा करने के लिए अपराधी की मदद करता है तो, उसका सहयोग करता है तो , यह माना जाएगा कि उसने दुष्प्रेरण किया है | 
 
Explanation 3 :- जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे अपराधी को अपने घर में आश्रय देता है और उसकी सहायता करता है अपराध को करने में , और बच्चे की स्वेच्छया लेता है, धमकी, बल का प्रयोग, प्रपीड़न के अन्य रूप, अपहरण, कपट, प्रवंचना, शक्ति या स्थिति के दुरुपयोग, भेद्यता या संदायों को देने या प्राप्त करने में अपराधी की सहायता करता है जिससे वह बच्चे के साथ ऐसा अपराध कर सके और ऐसी मदद करने के लिए वह व्यक्ति commission ले रहा है तो यह भी दुष्प्रेरण में आएगा |

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